परिश्रम का कोई विकल्प और मूल्य नहीं हो सकता: सीएम योगी

परिश्रम का कोई विकल्प और मूल्य नहीं हो सकता: सीएम योगी


 


मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्‍थापक सप्‍ताह समारोह में कहा कि परिश्रम का कोई मूल्‍य नहीं हो सकता। महराणा प्रताप शिक्षा परिषद की 46 संस्‍थाओं के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, प्राचार्यों और संस्‍था प्रमुखों को सम्‍बोधित करते हुए उन्‍होंने कहा कि  पिछले 25 सालो में कौन संस्था प्रगति कर रही है और कौन अवनति पर है वो इन संस्थाओं की रिपोर्ट बताती है। 


किसी भी क्षेत्र में कार्य करने वाला व्यक्ति हो उसके साथ यह बात जुड़ी होती है। 2032 में जब शिक्षा परिषद अपना शताब्दी वर्ष माना रहा होगा उस समय इस परिषद ने कौन की उपलब्धि हासिल की होगी और कौन लीक से हटकर लक्ष्य प्राप्त करेगा ये आप सबके लिए चुनौती है। परिश्रम का कोई विकल्प और मूल्य नही हो सकता।


महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ के बाद आज भी यह कार्य निरन्तर चल रहा है। इस्के पीछे का उद्देश्य भारतीयता से परिपूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा का विस्तार और जहां शासन ना पहुच पाया हो, वहां अपनी परिषद के माध्यम से लोगों तक पहुचना है।


1932 में पूर्वी यूपी में शैक्षिक पुनर्जागरण के लिए महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना महंत दिग्विजयनाथ ने की। जब भी कोई स्वाभिमानी समाज अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए तैयार होता है तो कोई ताकत उस पर शासन नहीं कर सकती। आज़ादी मिलना पर्याप्त नही है बल्कि आज़ादी के मायनो को जानकर समर्थ और शक्तिशाली भारत का निर्माण करने के लिए महंत दिग्विजय नाथ ने सोचा था। इसी सोच को लेकर महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की। देश के पहले महिलाओं के लिए निजी क्षेत्र का संस्थान महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद ने खोला था।